पिछले हफ़्ते, द अटलांटिक ने एक नया टूल लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य LibGen नामक डेटाबेस की खोज करना था, जिसके बारे में कहा जाता है कि Meta कंपनी ने अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया था। इस खबर ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया क्योंकि इसमें कई अप्रकाशित रचनाएँ शामिल थीं। लेखिका Maris Kreizman ने द लिटरेरी हब के लिए लिखे एक लेख में बताया कि उन्हें अपने आगामी निबंध संग्रह का इस डेटाबेस में होना पता चला।
Kreizman का कहना है कि उनका निबंध संग्रह 1 जुलाई को प्रकाशित होने वाला है, लेकिन Meta कंपनी ने AI मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए इससे पहले ही उनकी रचना तक पहुँच प्राप्त कर ली थी। इससे वह हैरान रह गईं, क्योंकि प्रकाशन उद्योग में ऐसी स्थिति अत्यंत दुर्लभ है। आम तौर पर, अप्रकाशित रचनाओं के डिजिटल संस्करण NetGalley और Edelweiss जैसे वैध प्लेटफार्मों पर उपलब्ध होते हैं, और इन प्लेटफार्मों पर सख्त नियम और शर्तें होती हैं जो उपयोगकर्ताओं द्वारा अप्रकाशित रचनाओं के उपयोग को सीमित करती हैं।
यह कोई अकेला मामला नहीं है, क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के विकास के साथ, अधिक से अधिक रचनाकारों को अपनी रचनाओं के बिना अनुमति के उपयोग होने की चिंता होने लगी है। Kreizman की खोज ने व्यापक चर्चा को भी जन्म दिया है, जिसमें रचनाकारों के अधिकार, बौद्धिक संपदा अधिकार और AI के तेजी से विकास के संदर्भ में इन अधिकारों की रक्षा कैसे की जाए, शामिल है।
कई लेखकों के अनुसार, उनकी अप्रकाशित रचनाओं का बिना सहमति के उपयोग न केवल उनके रचनात्मक कार्यों का अपमान है, बल्कि उनके करियर पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इस घटना ने Meta कंपनी द्वारा AI को प्रशिक्षित करने के लिए उपयोग किए गए डेटा के स्रोत पर भी सवाल उठाए हैं, खासकर यह देखते हुए कि क्या उसने कानूनी और नैतिक मानदंडों का पालन किया है।
मुख्य बातें:
📚 Meta कंपनी पर लेखकों की सहमति के बिना अप्रकाशित पुस्तकों का उपयोग करके अपने AI मॉडल को प्रशिक्षित करने का आरोप लगाया गया है।
🤔 लेखिका Maris Kreizman को अपने निबंध संग्रह का Meta के डेटाबेस में होना चौंकाने वाला लगा।
⚖️ इस घटना ने रचनाकारों के अधिकारों और AI प्रशिक्षण डेटा की वैधता पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया है।